मन हमारा मित्र भी है और शत्रु भी। अच्छे इरादों से यह इंसान को शक्ति दे सकता है तो बुरे विचार पतन का कारण भी बन सकते हैं। मन बहुत चंचल कहा जाता है और यह सही भी है।
समझदार मनुष्य वही है जो अच्छे विचारों को मन में स्थान देकर प्रगति की ओर जाता है। बुरे विचारों वाला मन बिना लगाम का घोड़ा होता है जो खुद पर सवारी करने वाले को जरूर नुकसान पहुंचाता है।
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