Wednesday, April 15, 2015

वो नष्ट हो जाता है



हिंदू धर्म में महिलाओं को बहुत ही आदर व सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। हमारे ग्रंथों में अनेक महान, पतिव्रत व दृढ़ इच्छा शक्ति वाली महिलाओं का वर्णन मिलता है। कुछ ग्रंथों में स्त्रियों के कर्तव्यों का वर्णन किया गया है तो कुछ में उनके व्यवहार के बारे में बताया गया है। इसी प्रकार महाभारत में भी स्त्रियों के संबंध में कुछ विशेष बातों का वर्णन किया गया है। यह बातें महाभारत के अनुशासन पर्व में तीरों की शैय्या पर लेटे हुए भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताई थीं। इनमें से कुछ बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। ये बातें इस प्रकार हैं-नहीं करना चाहिए स्त्रियों का अनादरभीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था कि जिस घर में स्त्रियों का अनादर होता है, वहां के सारे काम असफल हो जाते हैं। जिस कुल की बहू-बेटियों को दु:ख मिलने के कारण शोक होता है, उस कुल का नाश हो जाता है।लक्ष्मी का स्वरूप है स्त्रीभीष्म पितामह के अनुसार स्त्रियां ही घर की लक्ष्मी हैं। पुरुष को उनका भलीभांति सत्कार करना चाहिए। उसे प्रसन्न रखकर उसका पालन करने से स्त्री लक्ष्मी का स्वरूप बन जाती हैं।नाराज स्त्रियां दे देती हैं श्रापस्त्रियां नाराज होकर जिन घरों को श्राप दे देती हैं, वे नष्ट हो जाते हैं। उनकी शोभा, समृद्धि और संपत्ति का नाश हो जाता है। संतान की उत्पत्ति, उसका पालन-पोषण और लोकयात्रा का प्रसन्नतापूर्वक निर्वाह भी उन्हीं पर निर्भर है। यदि पुरुष स्त्रियों का सम्मान करेंगे तो उनके सभी कार्य सिद्ध हो जाएंगे।जहां होता है स्त्रियों का आदर, वहां देवता निवास करते हैंभीष्म पितामह के अनुसार यदि स्त्री की मनोकामना पूरी न की जाए तो वह पुरुष को प्रसन्न नहीं कर सकती। इसलिए स्त्रियों का सदा सत्कार और प्यार करना चाहिए। जहां स्त्रियों का आदर होता है, वहां देवता लोग 

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