Monday, April 13, 2015

सुंदर चेहरा देखकर कभी न करें ऐसी भूल

एक दिन एक ज्योतिषी सुकरात के पास आकर बोला- मैं किसी का भी चेहरा देखकर उसका चरित्र बता सकता हूं। सुकरात बहुत बड़े ज्ञानी तो थे लेकिन देखने में बहुत सामान्य लगते थे। 

ज्योतिषी उन्हें कुछ देर निहारने के बाद बोला, तुम्हारे चेहरे की बनावट बताती है कि तुम सत्ता के विरोधी हो। तुम्हारे अंदर द्रोह करने की भावना प्रबल है। तुम्हारी आंखों के बीच पड़ी सिकुड़न तुम्हारे अत्यंत क्रोधी होने का प्रमाण देती है।



ज्योतिषी ने अभी इतना ही कहा था कि वहां बैठे शिष्य अपने गुरु के बारे में ये बातें सुनकर गुस्से में आ गए और उस ज्योतिषी को तुरंत वहां से जाने के लिए कहा, पर सुकरात ने उन्हें शांत करते हुए ज्योतिषी को अपनी बात पूर्ण करने के लिए कहा।

ज्योतिषी बोला, तुम्हारे बेडौल सिर और माथे से पता चलता है कि तुम लालची हो और तुम्हारी ठोड़ी की बनावट तुम्हारे सनकी होने की तरफ इशारा करती है। 

इतना सुनकर शिष्य और भी क्रोधित हो गए पर इसके उलट सुकरात प्रसन्न हुए और ज्योतिषी को इनाम देकर विदा किया।

शिष्यों की हैरत पर सुकरात बोले कि ज्योतिषी ने जो कुछ भी कहा वो सब सच है। उसके बताए सारे दोष मुझमें हैं। मुझमें लालच है, क्रोध है, पर वह एक बहुत जरूरी बात बताना भूल गया। 

उसने सिर्फ बाहरी चीजें देखीं लेकिन मेरे अंदर के विवेक को नही आंक पाया, जिसके बल पर मैं इन सारी बुराइयों को अपने वश में किए रहता हूं। वह मेरे बुद्धि बल को नहीं समझ पाया! 

सुकरात ने बिल्कुल सही कहा था। चेहरा सुंदर हो या साधारण, वह मनुष्य के गुणों-अवगुणों का परिचायक नहीं हो सकता।  

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