Monday, April 13, 2015

कुरआन की आयतें

धर्म और धार्मिक मान्यताओं के बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि लोग आज इसके असल मकसद को भूलते जा रहे हैं और अपने चारों ओर ऐसी दीवारें खड़ी कर ली हैं, जिनकी वजह से एक इंसान दूसरे इंसान को भूल रहा है। 

दुनिया में धर्म के आधार पर नफरत के बीज बोने वालों की भी कमी नहीं रही है, लेकिन विवेकशील लोग ऐसी हरकतों को कभी उचित नहीं ठहराते। समाज में ऐसे लोग भी हैं जो खुद की धार्मिक मान्यताओं का पालन तो करते ही हैं। इसके अलावा दूसरों की मान्यताओं-परंपराओं का सम्मान भी करते हैं। 

पंजाब में बरनाला जिले के भदौर शहर में स्थित एक शिव मंदिर भगवान भोले की भक्ति के साथ ही सर्वधर्म समभाव और एकता की मिसाल भी पेश कर रहा है। इस मंदिर में सिर्फ हिंदुओं को ही नहीं बल्कि मुसलमान, सिख और ईसाइयों को भी अपनी आस्था के अनुसार पूजा-इबादत की जगह दे रखी है। 

यहां एक ही छत के नीचे आप पवित्र कुरआन की आयतें, महामृत्युंजय मंत्र, गुरु ग्रंथ साहब के वचन और पवित्र बाइबल की प्रार्थना सुन सकते हैं। यहां के लोग एक दूसरे की धार्मिक मान्यताओं का पूरा सम्मान करते हैं। 

उन्हें इस बात पर गर्व है कि एक धरती और एक आकाश के नीचे हम सब एक ही ईश्वर की प्रार्थना करते हैं। भले ही हमारे तरीके और रास्ते अलग हैं लेकिन मकसद एक है और इसमें कभी फर्क नहीं आ सकता। 

स्थानीय लोगों को इस बात पर भी गर्व है कि उनका इलाका इस मंदिर की वजह से जाना जाता है। दूसरों के लिए यह मंदिर किसी आश्चर्य से कम नहीं है लेकिन यहां के लोगों के लिए यह जिंदगी से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई जो अब उन्हें बहुत चिर-परिचित लगती है। 

1990 के बाद से मंदिर के प्रबंधकों ने दूसरे धर्मावलंबियों को भी यहां बुलाने की पहल शुरू की जो अब एक मुहिम बन चुकी है और यह सिलसिला आज तक जारी है। मंदिर के प्रबंधक और स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इसे हमेशा जारी रखेंगे।

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