Friday, April 10, 2015

भगवान श्रीराम के तीन भाई और एक थीं बहन

भगवान श्रीराम के तीन भाई थे। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न, लेकिन उनकी एक बहन भी थीं। दक्षिण रामायण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान श्रीराम और उनके तीनों भाईयों की बहन का नाम शान्ता था।
शान्ता चारों भाईयों से बड़ी थीं। वह राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थीं, लेकिन पैदा होने के थोड़े ही दिन के बाद उन्हें अंगदेश के राजा रोमपद ने गोद ले लिया था। भगवान राम की बड़ी बहन का पालन-पोषण राजा रोमपद और उनकी पत्नी वर्षिणी ने किया, जो महारानी कौशल्या की बहन अर्थात राम की मौसी थीं।
शांता के बारे में तीन कथाएं का उल्लेख मिलता है। पहली कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम की मौसी यानी की कौशिल्या की बहन वर्षिणी नि:संतान थीं तथा एक बार अयोध्या में उन्होंने हंसी-हंसी में ही बच्चे की मांग की। दशरथ भी मान गए। रघुकुल का दिया गया वचन निभाने के लिए शांता अंगदेश की राजकुमारी बन गईं। शांता वेद, कला तथा शिल्प में पारंगत थीं और वे अत्यंत सुंदर भी थीं।
वहीँ, दूसरी कथा के अनुसार, शांता जब पैदा हुईं, तब अयोध्‍या में अकाल पड़ा और 12 वर्षों तक धरती धूल-धूल हो गई। चिंतित राजा को सलाह दी गई कि उनकी पुत्री शां‍ता ही अकाल का कारण है। राजा दशरथ ने अकाल दूर करने के लिए अपनी पुत्री शांता को वर्षिणी को दान कर दिया। उसके बाद शां‍ता कभी अयोध्‍या नहीं आई।
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